साथ ही में आप अंत में तुलसी चालीसा PDF in Hindi/ Tulsi Chalisa Lyrics in Hindi PDF में डाउनलोड भी कर सकते है
तुलसी भगवान विष्णु की बहुत ही प्रिय है भगवान तुलसी दल के बिना 56 प्रकार के भोजन नहीं ग्रहण करते हैं दोस्तों प्रसाद में तुलसी का पत्ता इसलिए नहीं लाया जाता है क्योंकि इससे घर में अन्य की कभी कमी नहीं होती है और व्यक्ति का जीवन खुशियों से भरपूर रहता है तुलसी चालीसा बहुत ही चमत्कारी और मंगलमय हो |
तुलसी चालीसा पढ़ने के लाभ -
दोस्तों तुलसी चालीसा रोजाना सुनने से घर में कोई बीमारी नहीं आती है
तुलसी चालीसा पढ़ने से घर में लक्ष्मी का वास होता है
तुलसी चालीसा पढ़ने से दुख दरिद्रता आदि दूर हो जाते हैं
तुलसी चालीसा पढ़ने से घर में सुख संपत्ति आती है और ज्ञान विवेक की प्राप्ति होती है
तुलसी चालीसा पढ़ने से इंसान के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं
तुलसी चालीसा (अर्थ सहित) - Tulsi Chalisa Lyrics in Hindi
|| दोहा ||
श्री तुलसी महारानी, करूं विनय सिरनाय ।
जो मम हो संकट विकट, दीजै मात नशाय ।।
|| चौपाई ||
नमो नमो तुलसी महारानी । महिमा अमित न जाए बखानी ।।
दियो विष्णु तुमको सनमाना । जग में छायो सुयश महाना ।।
विष्णु प्रिया जय जयति भवानि । तिहूं लोक की हो सुखखानी ।।
भगवत पूजा कर जो कोई । बिना तुम्हारे सफल न होई ।।
जिन घर तव नहिं होय निवासा । उस पर करहिं विष्णु नहिं बासा ।।
करे सदा जो तव नित सुमिरन । तेहिके काज होय सब पूरन ।।
कातिक मास महात्म तुम्हारा । ताको जानत सब संसारा ।।
तव पूजन जो करैं कुंवारी । पावै सुन्दर वर सुकुमारी ।।
कर जो पूजा नितप्रीति नारी । सुख सम्पत्ति से होय सुखारी ।।
वृद्धा नारी करै जो पूजन । मिले भक्ति होवै पुलकित मन ।।
श्रद्धा से पूजै जो कोई । भवनिधि से तर जावै सोई ।।
कथा भागवत यज्ञ करावै । तुम बिन नहीं सफलता पावै ।।
छायो तब प्रताप जगभारी । ध्यावत तुमहिं सकल चितधारी ।।
तुम्हीं मात यंत्रन तंत्रन में । सकल काज सिधि होवै क्षण में ।।
औषधि रूप आप हो माता । सब जग में तव यश विख्याता ।।
देव रिषी मुनि और तपधारी । करत सदा तव जय जयकारी ।।
वेद पुरानन तव यश गाया । महिमा अगम पार नहिं पाया ।।
नमो नमो जै जै सुखकारनि । नमो नमो जै दुखनिवारनि ।।
नमो नमो सुखसम्पत्ति देनी । नमो नमो अघ काटन छेनी ।।
नमो नमो भक्तन दु:ख हरनी । नमो नमो दुष्टन मद छेनी ।।
नमो नमो भव पार उतारनि । नमो नमो परलोक सुधारनि ।।
नमो नमो निज भक्त उबारनि । नमो नमो जनकाज संवारनि ।।
नमो नमो जय कुमति नशावनि । नमो नमो सब सुख उपजावनि ।।
जयति जयति जय तुलसीमाई । ध्याऊं तुमको शीश नवाई ।।
निजजन जानि मोहि अपनाओ । बिगड़े कारज आप बनाओ ।।
करूं विनय मैं मात तुम्हारी । पूरण आशा करहु हमारी ।।
शरण चरण कर जोरि मनाऊं । निशदिन तेरे ही गुण गाऊं ।।
करहु मात यह अब मोपर दया । निर्मल होय सकल ममकाया ।।
मांगू मात यह बर दीजै । सकल मनोरथ पूर्ण कीजै ।।
जानूं नहिं कुछ नेम अचारा । छमहु मात अपराध हमारा ।।
बारह मास करै जो पूजा । ता सम जग में और न दूजा ।।
प्रथमहि गंगाजल मंगवावे । फिर सुंदर स्नान करावे ।।
चंदन अक्षत पुष्प चढ़ावे । धूप दीप नैवेद्य लगावे ।।
करे आचमन गंगा जल से । ध्यान करे हृदय निर्मल से ।।
पाठ करे फिर चालीसा की । अस्तुति करे मात तुलसी की ।।
यह विधि पूजा करे हमेशा । ताके तन नहिं रहै क्लेशा ।।
करै मास कार्तिक का साधन । सोवे नित पवित्र सिध हुई जाहीं ।।
है यह कथा महा सुखदाई । पढ़ै सुने सो भव तर जाई ।।
|| दोहा ||
यह श्री तुलसी चालीसा पाठ करे जो कोय ।
गोविन्द सो फल पावही जो मन इच्छा होय ।।
तुलसी चालीसा (अर्थ सहित) -
तुलसी चालीसा का सम्पूर्ण अर्थ है - तुलसी माता आपकी जय हो तुलसी माता श्री विष्णु की प्रिय हम आपको नमन करते हैं भगवान श्री हरि के शीर्ष पर विराजमान कृपया में अमर होने का वरदान दे लोगों के कल्याण के लिए हे माता अब देर न कीजिए
हे तुलसी मां आप धन्य हैं कृतियों में सदा आप की महिमा का गुणगान हुआ है विष्णु भगवान को आप अपने जीवन से भी प्यारी है अपने विष्णु भगवान को पानी के लिए काफी तकिया भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर आपको जब दर्शन मिले तो आपने उनसे हाथ जोड़कर विनती की भगवान विष्णु ने पत्नी के रूप में स्वीकारने की प्रार्थना की भगवान विष्णु ने आपको दिन जान कर छोड़ दिया परंतु
मां तुलसी आपकी वाणी सुनकर महालक्ष्मी ने आप को श्राप देते हुए कहा कि अयोग्य वर्ग को अपने लिए मांगा है इसलिए आप वृक्ष रूप धारण करेंगी इसके बाद आप ने भगवान विष्णु को श्राप दिया वे वृक्ष के नीचे सदा पत्थर के रूप में रहेंगे उसी समय भगवान विष्णु ने जो वचन दिया था उसे सुनकर सब चकित रह गए भगवान विष्णु ने कहा कि समय आने पर संसार तुम्हारी पूजा करेगा और तुम मेरी पत्नी बना करोगी
इसके बाद माँ तुलसी गोकुल में सुदामा गोपिया पत्नी हुई जब श्री कृष्ण जी एक बार रात से चर्चा रही थी तो राधा ने आपके प्रेम पर संदेह किया और आपको उसी समय श्राप दिया कि आप मनुष्य रूप में भूमि पर जन्मदिन और सुदामा नाम के अक्षर से आपका विवाह होगा आपकी पवित्रता और गुणों की बदौलत सुदामा की सभी पराजय नहीं होगी इस तरह कल्प बीत गया और अगले कल्प आपका का तीसरा जन्म हुआ
इसके बाद तीसरे जन्म में आपका नाम वृंदा हुआ वह जालंधर नाम के असुर से आपका विवाह हुआ जालंधर बहुत ही शक्तिशाली था और उसने देवताओं को हराकर शिवजी से युद्ध किया जब भगवान शिव जी अपनी सेना के साथ मिलकर जालंधर को नहीं आ रहा सकी तो उसने विष्णु भगवान को पुकारा लेकिन यह मां तुलसी वृंदा के साथ आप की पवित्रता के चलते कोई भी जालंधर को नहीं मार सकता था
तब भगवान विष्णु ने जालंधर का भेष धारण किया और उसके पास पहुंच गए विष्णु भगवान ने शिवजी की सहायता के लिए कपट का सहारा लिया जिससे आपका सतीत्व भंग हो गया आपका सतीत्व भंग होते ही जालंधर को मारने में भगवान शिव कामयाब हो गए जालंधर की मौत के बारे में सुनकर आपके हृदय को बहुत आघात हुआ
जैसे ही जालंधर की मौत हुई भगवान विष्णु में आपको उनका रूप दिखाया जिसे देखकर आप बहुत पीड़ित हुई और आपने विष्णु भगवान को श्राप देते हुए कहा जिस तरह आपने कपट का सहारा लेकर जलंधर की हत्या की है उसी तरह रावण भी छल से सीता का हरण करेगा इसलिए मैं आपको शराब देती हूं कि आपका तन भी पत्थर का होगा
आप के श्राप को सुनकर भगवान विष्णु कहने लगे की आपने बिना विचार किए ही श्राप दिया आपकी बुद्धि जड़ हो गई इसलिए तुम भी जड़ रूप हो जाओगी वह संसार में तुलसी के अनेक पौधे के रूप में जानी जाओगी आपके श्राप को आपको सफल करते हुए मैं भी शालिग्राम के रूप में गंडकी नदी के बीच में मौजूद रहूंगा
इसका अर्थ यह है कि भगवान विष्णु ने कहा हे वृंदा तुलसी के रूप में तुम मुझे बहुत प्रिय रहोगी जो भी तुम्हें मेरी शालिग्राम रूप पर अर्पण करेगा वह व्यक्ति संसार के सारे सुख भोग कर मोक्ष को प्राप्त हो जाएगा भगवान विष्णु का शरीर बिना तुलसी को अर्पण किए जलता रहता है और उनके हृदय में पीड़ा होती है जो भी व्यक्ति तुलसी के साथ जल को भगवान विष्णु का स्नान कर आता है वह हजारों घड़ी अमृत के डालता है तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है यह समस्त कष्टों को मिटा देती है प्रेम पूर्वक भगवान विष्णु का निरंतर भजन हमें करना चाहिए भगवान विष्णु के यह तुलसी तथा राधा में कोई भेद नहीं है उनके लिए दोनों समान है
भगवान विष्णु को भले ही कोई छप्पन भोग नहीं खिलाता हो लेकिन तुलसी की बिना भगवान विष्णु कोई है प्यारा नहीं लगता तुलसी के पौधे की छाया में तीर्थों का सुख प्राप्त होता है इसमें कोई संदेह नहीं है कि जो व्यक्ति तुलसी की पूजा करता है उसे मुक्ति मिल जाती हैं कवी भी भगवान विष्णु के गुण गाते है और तुलसी की पूजा कर के हजारों लाखों गुणों को प्राप्त करते है सुंदर कवी दुर्वासा ऋषि के धाम के पास प्रयाग के पास रहता है कवि का ग्राम दुर्वासा ऋषि का ग्राम ककरा है जो व्यक्ति रोज तुलसी चालीसा का पाठ करते हैं उन्हें हर सुख और मोक्ष प्राप्त होती है
तुलसी चालीसा का पाठ करके व्यक्ति को घर में तुलसी का पौधा लगाना चाहिए तुलसी माता की पूजा करने के बाद भी प्रदान करने से बांझ स्त्रियों को संतान सुख मिलता हैजो व्यक्ति तुलसी चालीसा का पाठ पूजा करते हैं भगवान विष्णु भी उनसे प्रसन्न होते हैं और सारी दरिद्रता और कष्टों को दूर कर देते हैं उन्हें धन-धान्य से पूरित कर देते है उन्हें संसार में मनचाहे परिणाम मिलते हैं उनके सभी कार्य संपन्न होते हैं जो तुलसी का अर्पण करते हैं उनके यहां भगवान विष्णु खुशी से निवास करते हैं तुलसी के पुत्र सुखराम ने तुलसी की महिमा लिखकर उसी प्रकार का काम किया है जैसे रामचरितमानस की रचना तुलसीदास ने की थी
Tulsi Chalisa Lyrics in English
|| Choupai ||
Namo Namo Tulsi Maharani. Mahima Amit Na Jaye Bakhani.
Diyo Vishnu Tumko Sanmana, Jag Me Chaayo Suyash Mahana.
Vishnu Priya Jay Jayati Bhavani. Tihun Lok Ki Ho Sukhkhani.
Bhagvat Puja kar Jo Koi. Bina Tumhare Safal Na Hoyi.
Jin Ghar Tav Nahi Hoy Nivasa. Us Par Karahin Vishnu Nahi Basa.
Kare Sada Jo Tav Nit Sumiran. Tehike Kaaj Hoy Sab Puran.
Katik Maas Mahatm Tumhara. Tako Jaanat Sab Sansara.
Tav Pujan Jo Kare Kunvari. Pawe Sundar Var Sukumari.
Kar Jo Puja Nitpriti Nari. Sukh Sampati Se Hoy Sukhari.
Vriddha Nari Kare Jo Pujan. Mile Bhakti Hove Pulakit Man.
Shradda Se Puje Jo Koi. Bhavnidhi Se Tar Jave Soyi.
Katha Bhagwat Yagya Karave. Tum Bin Nahi Saphalta Pawe.
Chayo Tab Pratap Jagbhari. Dhyawat Tumahi Sakal Chitdhari.
Tumhi Maat Yantran Tantran Me. Sakal Kaaj Sidhi Howe Kshan Me.
Aushadhi Rup Aap Ho Mata. Sab Jag Me Tav Yash vikhyata.
Dev Rishi Muni Aur Tapdhari. Karat Sada Tav Jay Jaykari.
Ved Puranan Tav yash Gaya. Mahima Agam Paar Nahi Paya.
Namo Namo Jai Jai Sukhkarani. Namo Namo Jai Dukhniwarini.
Namo Namo Sukhsampati Deni. Namo Namo Agh Katan Chheni.
Namo Namo Bhaktan Dukh Harani. Namo Namo Dushtan Mad Chheni.
Namo Namo Bhav Paar Utarani. Namo Namo Parlok Sudharani.
Namo namo Nij Bhakt Ubarani. Namo Namo Jankal Sanwarani.
Namo Namo Jai Kumati Nashavani. Namo Namo Sab Sukh Upjawani.
Jayati Jayati Jay Tulsimayi. Dhyayun Tumko Shish Navai.
Nijjan Jani Mohi Apnao. Bigde Karaj Aap Banao.
Karun Vinay Mai Maat Tumhari. Puran Aasha Karahu Hamari.
Sharan Charan Kar Jori Manaun. Nishdin Tere Hi Gun Gaaun.
Karahu Maat Yah Ab Mopar Daya. Nirmal Hoy Sakal Mankaya.
Maangu Maat Yah Bar Dije. Sakal Manorath Purn Kije.
Janu Nahi Kuch Nem Achara. Chhamahu Maat Apradh Hamara.
Baarah Maas Kare Jo Puja. Ta Sam Jag Me Aur Na Duja.
Prathamahi gangajal Mangwawe. Fir Sundar Snan Karawe.
Chandan Akshat Pushp Chadhawe. Dhup Deep Naiwed Lagawe.
Kare Aachman Ganga Jal Se. Dhyan Kare Hriday Nirmal Se.
Paath Kare Fir Chalisa Ki. Astuti Kare Maat Tulsi Ki.
Yah Vidhi Puja Kare Hamesha. Taake Tan Nahi Rahe Klesha.
Kare Maas Kaartik Ka Sadhan. Sowe Nit Pawitra Sidh Hui Jaahin.
Hai Yah Katha Maha Sukhdayi. Padhe Sune So Bhav Tar Jaayi.
|| Doha ||
Yah Shri Tulsi Chalisa Paath Kare Jo Koy.
Govind So Phal Pawahi Jo Man Ichcha Hoy.
तुलसी चालीसा आपको यह तुलसी चालीसा PDF in Hindi/ Tulsi Chalisa Lyrics in Hindi PDF कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं और इस लेख को अपने सभी मित्रों के साथ जरूर किया
जय तुलसी माता
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